“शिक्षक के अनेक रूप “
कचरे के ढेर से सब्जी उठाते हुए उस महिला से सीखा ,जिंदगी में मुसीबतो से ना हारना ll बाजार की भीड़ में एक बच्चे के कंधे पर कूड़े का थैला…
कचरे के ढेर से सब्जी उठाते हुए उस महिला से सीखा ,जिंदगी में मुसीबतो से ना हारना ll बाजार की भीड़ में एक बच्चे के कंधे पर कूड़े का थैला…
जिनके पास अपने नहीं है, वह उनके लिए तरसते हैंऔर जिनके पास अपने हैं,वह उनसे नफरत करते हैं ll
“अगर लोगों के चेहरे पर मुस्कान देखना चाहते हैं,तो कृपया प्यार बांटे काम नहीं “
कभी वह माँ जैसी ममता दिखाती है ,तो कभी छोटी बहन जैसी लड़ती है II कभी वह दादी जैसी बड़ी बड़ी बातें करती है ,तो कभी नादान बच्चे जैसी जिद्द…
लड़ते हैं और झगड़ते है ,बिना सोना के बिना बाबू के मान जाते हैं llबहुत ही सुंदर वह रिश्ता है ,जिसे हम भाई कहते हैं ll
बेइज्जती उनकी होती है , जो कुछ होते हैऔर अक्सर कुछ होने का एहसास उनको होता है , जो कुछ नहीं होते है !!
मेरे सपने बेहिसाब है , आकर जरा हिसाब कर दे Iये तेरा रूठना भी लाजवाब है , चल इसे भी मेरे नाम कर दे II
जहाज में सफर करते हुए ना जाने क्यूं ,साइकिल की चेन का उतरना याद आ गया ll थाली में रोटी छोड़ते हुए ना जाने क्यों ,कचरे के ढेर से उस…
कभी साथ बैठ कर चोर पुलिस या क्रिकेट खेला करते थे ,वो माँ की डाँट से बचने के लिए समय से पहले घर आ जाया करते थे ,लेकिन अब तो…
एक वक़्त था जब दोस्तों से मिलते थे तो बातें खत्म नहीं होती थी ,लेकिन अब ऑनलाइन का जमाना है बात तो दूर व्हाट्सप्प के स्टेटस से काम चल जाता…
अँधेरे में थे हम आपने रोशनी दिखाया ,जीवन में कुछ अच्छा बनने का सपना दिखाया II माँ ने मुझे जन्म दिया , आपने जीना सिखाया ,क्या सही क्या गलत है…
वो लड़ना झगड़ना मानो पिछले जन्म की बात हो चली है,अब तो अपने बहस करते है और छोड़ कर चले जाने की बात करते है !!
कल क्या किया इतना क्यों सोचते हो ,आज मिला है फिर से आओ इसे जी लेते है !! देखो वक़्त की रफ़्तार आज फिर आ गया उतना ही समय लेकर…
मुझे लगता है कि कोई भी “माँ” शब्द की व्याख्या नहीं कर सकता है। इतने सारे श्रेष्ठ लेखकों और कवियों ने कोशिश की है लेकिन दी गई परिभाषाएँ समावेशी तरीके…
II लिखना तो बहुत कुछ चाहता हूं लेकिन इस मोबाइल ने जीना हराम कर रखा है ,दूर बैठे लोगों को पास कर रखा है और पास बैठे लोगों को दूर…
II आंधी इतनी तेज थी कि मानो उड़ा ले जातीन जाने बीच में कहां से मां का आंचल आ गया lI
मैं निकल पड़ा आज हिम्मत को खोजने…..बहुत दूर तक गया पर कहीं मिला नहीं….. जब लौट रहा था थक हार कर…..तभी एक चीख सुनाई दी मुझे…. मैंने देखा कुछ लोग…
II आज वह मां सोई नहीं होगी ,आज भी उसे अपनी बेटी के आने का इंतजार होगा ll ll आज भी उसकी आंखों में वही सपने होंगे,जिसे कभी उसकी बेटी…
यूं तो आदत नहीं मुझे रात में जगने की ,लेकिन तेरी याद मुझे सोने नहीं देती है ll चाहा कई बार तुझे नींद से जगाने की ,लेकिन तेरी यह नासमझ…
ये कहना सही नहीं की अंधेरा बहुत है ,तुम एक बार इन आँखों को खोलो तो सही !! जिन्हे समझ बैठो हो तुम अपनी राहों में पत्थर,उन्हें एक बार गले…